पर्यावरण की रक्षा के लिए दूध की थैलियों के संबंध में रिड्यूस, रिबेट और रियूज की कार्यनीति

पशुपालन एवं डेयरी विभाग में सचिव की अध्यक्षता में आज (२१ अगस्त २०१९ को) एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें देश में दूध की स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में राज्य सहकारी डेयरी संघों के वरिष्ठ अधिकारियों/,निजी डेयरियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों/प्रबंध निदेशकों, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, वाणिज्य एवं उद्योग, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा के मद्देनजर अमूल और मदर डेयरी से अनुरोध किया गया है कि वे दूध की थैलियों का पुनर्चक्रण करने से संबंधित कार्य योजना/प्रोटोकॉल का निरुपण करे और उसे पशुपालन एवं डेयरी विभाग के साथ साझा करे, ताकि उसका कार्यान्वयन करने के लिए उसे अन्य दुग्ध संघों तक पहुंचाया जा सके।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग में सचिव ने गुजरात दुग्ध संघ (अमूल), कर्नाटक दुग्ध संघ (नंदिनी), पंजाब दुग्ध संघ (वेर्का), महाराष्ट्र दुग्ध संघ (महानंद) जैसे प्रमुख डेयरी संघों से अनुरोध किया है कि वे 3आर- रिड्यूस, रिबेट और रियूज- की कार्यनीति के तहत अभियान के रूप में दूध की प्लास्टिक की थैलियों के पुनः उपयोग को बढ़ावा दें। रिड्यूस यानी आधा लीटर दूध की थैली की तुलना में एक लीटर दूध की थैली का दाम घटाते हुए प्लास्टिक की थैलियों की खपत में कमी लाना, रिबेट यानी प्लास्टिक वापस लाने वाले उपभोक्ताओं को छूट देना, रियूज यानी सड़क निर्माण, पुनर्चक्रण करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए थैलियों कापुनः उपयोग करना।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग में सचिव ने सभी सहकारी दुग्ध संघों और निजी डेयरियों से अनुरोध किया है कि वे कम से कम गांधी जयंती (2 अक्टूबर) तक प्लास्टिक के इस्तेमाल को आधा कर दें। मीडिया से अनुरोध किया गया है कि वे प्लास्टिक के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए स्वच्छ भारत जैसा अभियान शुरू करे और इस प्रकार पर्यावरण को बेहतर बनाए।

बैठक में दूध का प्रसंस्करण करने वालों के साथ उपलब्धता, आपूर्ति, मूल्यों और निर्यात/आयात जैसे मामलों की भी समीक्षा की गई। यह पाया गया कि देश भर में दूध के दाम 1-2 रुपये बढ़ गए हैं। प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि वे दूध की गुणवत्ता तथा उत्पादन की लागत में कमी लाने से संबंधित पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करें। अगले पांच वर्षों तक उत्पादकता, निर्यात और किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए प्रजनन, भरण, रोग का उपचार आदि विषयों पर बैठक में मौजूद हितधारकों की राय मांगी गई।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s