समुद्र में अनुसंधान पोत सागरध्वनि का मिशन मैत्री शुरू।

डीआरडीओ के अनुसंधान पोत आईएनएस सागरध्वनि ने सागर मैत्री मिशन-2 शुरू किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के समुद्रविज्ञानीय अनुसंधान पोत, आईएनएस सागरध्वनि ने आज कोच्चि में दक्षिणी नौसैनिक कमान से दो महीने के सागर मैत्री मिशन-2 की शुरूआत की। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने एफओसी प्रभारी (दक्षिण) वाइस एडमिरल अनिल के. चावला की उपस्थिति में पोत को रवाना किया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मिशन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

सागर मैत्री:

सागर मैत्री डीआरडीओ की एक अनोखी पहल है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हिंद महासागर रिम (आईओआर) देशों के बीच अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की गई नीतिगत घोषणा “क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (सागर)” के विस्तृत उद्देश्य से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री की नीति के अंतर्गत डीआरडीओ का विशिष्ट वैज्ञानिक अंग “मैत्री (मैरीन एंड एलाइड इंटरडिसीप्लीनरी ट्रेनिंग एंड रिसर्च इनिसियेटिव)” है।

आईएनएस सागरध्वनि को नौसेना की भौतिकीय और समुद्र विज्ञानी प्रयोगशाला, कोच्चि ने तैयार किया है, जो डीआरडीओ की प्रमुख सिस्टम प्रयोगशाला है। यह भारतीय जल क्षेत्र में महासागर अनुसंधान प्रयोग करती है।

सागर मैत्री मिशन-2 हिंद महासागर में ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय अभियानों के हिस्से के रूप में भारत के एकमात्र अनुसंधान पोत आईएनएस किस्तना मिशन के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर भेजा गया है। अंतर्राष्ट्रीय अभियान 1962-63 के दौरान भेजे गए थे। मिशन के तहत आईएनएस सागरध्वनि आईएनएस किस्तना के चुने हुए ट्रैक पर जाएगा।

सागर मैत्री मिशन का मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर के समूचे उत्तरी क्षेत्र से आंकड़े एकत्र करना है, जिसमें मुख्य रूप से अंडमान और उसके आसपास के समुद्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही इसका उद्देश्य

महासागरीय अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में 8 आईओआर देशों के साथ दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करना है। अन्य आईओआर देशों में ओमान, मालदीव, श्रीलंका, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और म्यांमार शामिल है। कार्यक्रम का उद्देश्य महासागरीय अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में इन देशों के साथ दीर्घकालिक वैज्ञानिक सहयोग स्थापित करना और आंकड़े एकत्र करना है।

इस अवसर पर महानिदेशक (नौसेना प्रणाली और सामग्री) डॉ. समीर वी. कामथ, एनपीओएल के निदेशक श्री विजयन पिल्लै और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

(18 JUL 2019 8:53PM by PIB Delhi)

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