पूँजीवाद अगर श्रमिक का शोषण करता है तो कहाँ के श्रमिक की सैलरी और जीवन स्तर बेहतर है?
जापान और अमेरिका में या रूस और क्यूबा में? क्यों क्यूबन समुंदर तैर कर अमेरिका में घुसने के लिए जान देते हैं? अमेरिका में कितने क्यूबन हैं और क्यूबा में कितने अमेरिकन? अरे, अमेरिका में जितने घुसपैठिये क्यूबन हैं ना, घरों में नौकर
का काम करके भी उनकी कुल आय पूरे क्यूबा के सकल राष्ट्रीय उत्पाद से ज्यादा है।
नार्वे व स्वीडन:
आजकल वामपंथी नॉर्वे स्वीडन में पनप रहे समाजवाद का खूब उदाहरण देते हैं…क्योंकि वहाँ का समाजवाद अभी पहले की पूँजीवाद
के सहारे अर्जित की हुई समृद्धि पर परजीवी है…और अभी तक होस्ट इकॉनमी की मृत्यु हुई नहीं है।
वेनजुएला:
पर 2000 से 2010 तक यही वामपंथी वेनेजुएला का खूब उदाहरण देते थे… आज जब समाजवाद ने प्राकृतिक संपदा से धनी एक देश को भुखमरी में धकेल दिया तो गलती से भी इनको अपना सितारा ह्यूगो चावेज़ याद नहीं आता।
मुनाफे वाला पूंजीवाद।
हाँ, पूँजीवाद मुनाफा कमाता है… और इसीलिए श्रमिक पूँजीवादी व्यवस्था में बेहतर स्थिति में होता है. क्योंकि पूँजीवादी व्यवस्था में श्रम अधिक उत्पादक होता है, व्यवसाय अधिक लाभदायक होता है और अधिक पारिश्रमिक देना संभव होता है। इतनी सी बात है।
वामपंथी बंगाल केरल में सैलरी सबसे कम और पूंजीवादी गुजरात मे सबसे ज्यादा है । सारे मलयाली बंगाली गुजरात अमेरिका गल्फ में नौकरी करना चाहते हैं न की केरल बंगाल या रूस क्यूबा में।
(साभार: यूटूबर अभिषेक शुक्ला के कलम के सौजन्य से।)