सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया है। निर्भया मामले के चारों दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया गया। मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया।
मामला:
दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार व अमानवीय टॉर्चर किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने देर रात की सुनवाई में दोषियों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई मेरिट नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले के चौथे दोषी की ओर से दया याचिका दायर करने में देरी दिखाती है कि कोई साजिश है और कोई व्यवस्था से खेल रहा है।