नागरिकता संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध के बाद से 25 लोग राष्ट्रव्यापी दंगे में मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।
उन मौतों में से 18 उत्तर प्रदेश में थीं, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारी लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, संभल और अन्य जगहों पर भिड़ गए थे। दंगाइयों ने कई जगह पर जन संपत्ति जैसे बस आदि को आग लगा दी। उन्होंने मोटरसाइकिल ट्रक और समाचार चैनल की ओबी वैन में भी लखनऊ में आग लगा दी थी।
रविवार को उत्तर प्रदेश में 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया, राज्य के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा। उन्होंने कहा कि 5,000 अन्य लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई।
यूपी में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 135 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि दंगाई लोगों से संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस घोषणा के 2 दिन बाद मुजफ्फरपुर में 47 दुकाने जिनसे दंगाइयों को मदद मिल रही थी उनको सील कर दिया गया है। दंगाइयों को ढूंढ कर उनको राज्य सरकार की तरफ से क्षतिपूर्ति की मांग रखी जा रही है। यदि वह क्षतिपूर्ति नहीं करेंगे तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।
यूएस ऐप इंटेलिजेंस फर्म एपोटोपिया के डेटा से पता चलता है कि 12 दिसंबर से ब्रिजफी कम्युनिकेशन ऐप के डाउनलोड औसतन 80 गुना बढ़ चुके हैं। ब्रिजफी को संदेश भेजने (सीमित दूरी पर) प्राप्त करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है, इसके बजाय छोटी दूरी के ब्लूटूथ कनेक्शन पर भरोसा करते हैं।
आशंका है कि इसी एप के द्वारा अफवाहों का बाजार गर्म करके दंगा फैलाया गया था।