भारत के कोयला खनन में १०० प्रतिशत विदेशी निवेश अब संभव

भारत सरकार ने २९ अगस्त २०१९ को भारत के कोयला उदोग में १०० प्रतिशत वेडिशी निवेश को मंजूरी दे दी।

इसका उद्देश्य भारत में एक दक्ष व प्रत्स्पर्धी खनन उद्योग स्थापित करना है। विदित हो पोलैंड कोयला खनन में एक दक्ष देश है और भारत में व्यापार में इच्छुक है। शीघ्र ही भारत वा पोलैंड में व्यापारिक वार्ता भी होने वाली है।

100 प्रतिशत एफडीआई से देश में प्रतिस्‍पर्धी कोयला बाजार का सृजन होगा: श्री प्रह्लाद जोशी, मंत्री भारत सरकार।

कोयला क्षेत्र में संबंधित प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचे सहित कोयला खनन गतिविधियों के लिए स्‍वत: रूट के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) का निर्णय मोदी सरकार का सबसे बड़ा सुधार है जिससे सभी को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने एक वक्‍तव्‍य में कहा, ‘100 प्रतिशत एफडीआई हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है और अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों के आगमन से भारत में एक दक्ष एवं प्रतिस्‍पर्धी कोयला बाजार का सृजन होगा। यह उम्‍मीद की जा रही है कि देश में अत्‍याधुनिक कोयला खनन प्रौद्योगिकी आएगी जिससे पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ खनन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इस निर्णय से कोयला भंडार वाले क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे और इसका इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।’ उन्‍होंने कहा कि इस सुधार से कोयला भंडार वाले राज्‍यों को और ज्‍यादा राजस्‍व प्राप्‍त होने में काफी मदद मिलने की संभावना है। इसके साथ ही एक दक्ष एवं प्रतिस्‍पर्धी कोयला बाजार के सृजन के लिए कई और कंपनियों का आगमन होने की उम्‍मीद है।

उन्‍होंने इस कदम को ‘कारोबार में सुगमता’ सुनिश्‍चि‍त करने का एक हिस्‍सा बताते हुए कहा कि इससे अर्थव्‍यवस्‍था के विकास को नई गति मिलेगी। श्री जोशी ने यह बात दोहराई कि इस कदम से देश में ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग भी प्रशस्‍त होगा क्‍योंकि भारत में 70 प्रतिशत बिजली ताप विद्युत संयंत्रों से उत्‍पादित होती है।

कोयला दुनिया की ऊर्जा जरूरतों का लगभग एक चौथाई प्रदान करता है।

कोयला आधारित बिजली स्टेशनों से दुनिया की 37% बिजली का उत्पादन होता है। ऊर्जा के अन्य गैर-नवीकरणीय स्रोतों की तुलना में, कोयला गैर-कुशल है और उच्च मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन करता है। फिर भी, कोयला आमतौर पर पाया जाता है और सस्ता होता है, लेकिन कोयले के अधिक खनन ने समय के हिसाब से कोयले की खोज को कठिन बना दिया है।

लगभग 70% विश्व इस्पात उत्पादन कोयले को जलाने पर ही निर्भर करता है।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s