महाभारत से एक और ज्ञान कथा।

महाभारत ज्ञान का भंडार है। थोथा ज्ञान नहीं वरन् व्यावहारिक ज्ञान। इसी ज्ञान के महासमुंद्र एक कथा और:

महाभारत में कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा:

मेरी माँ ने मुझे जन्मते ही त्याग दिया, क्या ये मेरा अपराध था?

कर्ण ने श्रीकृष्ण से एक और सवाल पूछा:

दोर्णाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना कर दिया था क्योंकि वो मुझे क्षत्रीय नहीं मानते थे, क्या ये मेरा कसूर था।

फिर कर्ण ने श्री कृष्ण से एक और सवाल पूछा:

द्रौपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित किया गया, क्योंकि मुझे किसी राजघराने का कुलीन व्यक्ति नहीं समझा गया.

श्री कृष्ण मंद मंद मुस्कुराते हुए कर्ण को बोले,

“सुन…हे कर्ण, मेरा जन्म जेल में हुआ था। मेरे पैदा होने से पहले मेरी मृत्यु मेरा इंतज़ार कर रही थी। जिस रात मेरा जन्म हुआ, उसी रात मुझे माता-पिता से अलग होना पड़ा।

मैने गायों को चराया और गायों के गोबर को अपने हाथों से उठाया। जब मैं चल भी नहीं पाता था, तब मेरे ऊपर प्राणघातक हमले हुए। मेरे पास कोई सेना नहीं थी, कोई शिक्षा नहीं थी,कोई गुरुकुल नहीं था,कोई महल नहीं था, फिर भी मेरे मामा ने मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु समझा बड़ा होने पर मुझे ऋषि सांदीपनि के आश्रम में जाने का अवसर मिला।”

“जरासंध के प्रकोप के कारण मुझे अपने परिवार को यमुना से ले जाकर सुदूर प्रान्त, समुद्र के किनारे द्वारका में बसना पड़ा।”

“हे कर्ण…
किसी का भी जीवन चुनौतियों से रहित नहीं है। सबके जीवन में सब कुछ ठीक नहीं होता। सत्य क्या है और उचित क्या है? ये हम अपनी आत्मा की आवाज़ से स्वयं निर्धारित करते हैं।

“इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, कितनी बार हमारे साथ अन्याय होता है।

इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, कितनी बार हमारा अपमान होता है।

इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता, कितनी बार हमारे अधिकारों का हनन होता है।”

फ़र्क़ तो सिर्फ इस बात से पड़ता है कि हम उन सबका सामना किस प्रकार ज्ञान के साथ करते हैं। ज्ञान है तो ज़िन्दगी हर पल मौज़ है,वरना समस्या तो सभी के साथ रोज है।।
जय श्री कृष्णा

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s