देवी भवानी मंदिर, बिजनौर:
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हनुमान मंदिर में तोड़फोड़ करने और देवी भवानी की मूर्ति तोड़ने के आरोप में दो मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को सुबह लगभग 9.30 बजे दो मुस्लिम युवक पंचमुखी हनुमान मंदिर में दाखिल हुए और पुजारी से माथे पर तिलक लगाने को कहा। कुछ समय तक घूमने के बाद, उन्होंने भवानी माता की मूर्ति पर पथराव किया और लाठी और पत्थरों का इस्तेमाल करते हुए बर्बरता की।
शहर कोतवाल आरसी शर्मा ने खुलासा किया कि आरोपी का नाम रशीद पुत्र आदिल मोहल्ला मिरदगन का निवासी है और दूसरा आरोपी शादाब का पुत्र यासीन है, जो उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मोहल्ला कसाबियान का निवासी है। समिति के अधिकारियों और भक्तों ने राशिद और यासीन पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाया और उनकी पिटाई शुरू कर दी।
सूचना मिलते ही एसपी संजीव त्यागी, एसपी सिटी लक्ष्मी निवास मिश्रा, एसडीएम सदर बृजेश कुमार और सीओ सिटी अरुण कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। यह विश्वास दिलाते हुए कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, अधिकारियों ने भीड़ को शांत किया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिर उन्हें हल्दौर पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उनसे चार घंटे तक पूछताछ की गई। गिरफ्तारी का वीडियो देखिए:
विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े कई लोग थाने पहुंचे और त्वरित कार्रवाई की मांग की। पूछताछ के दौरान, युवाओं ने खुलासा किया कि अपनी पहचान छिपाने के लिए उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। पुलिस ने खुलासा किया कि दोनों युवक दो लड़कियों के साथ थे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे स्कूल की छात्रा थीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर समिति ने पुलिस को सूचित किया है कि युवक मंदिर में नियमित रूप से आने-जाने वाले थे और टीका ’लगाते थे। मंदिर समिति को संदेह है कि पुरुषों ने स्कूल की लड़कियों को हिंदू होने का नाटक करके प्रेम-प्रसंग का लालच दिया।
इस बीच, मंदिर समिति के प्रमुख, अखिल कुमार अग्रवाल ने उन दो युवकों के खिलाफ एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की है, जिन्होंने मंदिर की मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की और बिजनौर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मंदिर के साथ बर्बरता हाल के दिनों में उग्र हो गई है।
दिल्ली के हौज़ काज़ी में एक मुस्लिम भीड़ द्वारा दुर्गा मंदिर की दुर्दशा की हालिया घटना ने सबको को नाराज कर दिया था।
एक अन्य घटना में, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गौरीया गाँव में एक मुस्लिम भीड़ ने 8 जुलाई को एक हिंदू मंदिर पर हमला किया था। मुसलमानों की भीड़ ने एक महादेव मंदिर पर हमला किया था और संरचना को नुकसान पहुंचाया था।
मंदिर तोड़ने का इतिहास:
यह सब उसी प्रकार से है जैसे मुस्लिम आक्रांताओं ने पिछले 800 साल पहले भारत में आ कर किया था। विदित हो कि दिल्ली के आस पास दूर दूर तक कोई भी ऐसा मंदिर नहीं है जो १००-१५० साल से ज्यादा पुराना हो। क्योंकि सभी मंदिर इस काल के पहले मुगल साम्राज्य में तोड़ दिए गए थे। परन्तु दुख की बात यह है कि अब यह करने वाले बाहर से नहीं आए बल्कि भारत की ही संतान है।
सोचने की बात और मीडिया:
सोचने की बात है कि ऐसा करने वालों की सोच क्या है। क्या यह भी मुस्लिम सामंत वादियों की बुत परस्ती की सोच रखते है? आज के सभ्य समाज में यह सोच कहां से और कैसे पनाप रही है इसके बारे मे समाज खास कर मुस्लिम समाज को सोचना होगा। पर मीडिया इन खबरों को छुपा कर यह सोच शुरू होने से पहले ही बंद कर देता है। यह दुर्भाग्य पूर्ण है।