भारत में दुनिया के सबसे बड़े आंतकवादी हमले के होने से पहले पर्दाफाश।

आंतक प्रतिरोधी दल, मुंबई:

महाराष्ट्र एटीएस द्वारा औरंगाबाद और मुंब्रा से गिरफ्तार किए गए कथित नौ आईएस समर्थकों को जनवरी २०१९ में पकड़ा था। संदिग्धों की पुलिस हिरासत 18 फरवरी तक बढ़ा दी गई थी । इन आंतकवादीयों ने जघन्य नरसंहार को करने के लिए विभिन्न मंदिरों में प्रसाद और पानी के जलाशयों को जहर देने की योजना बनाई थी।

यदि यह सफल हो जाते तो ४०००० श्रद्धालु तो मंदिर में ही मारे जाते। घरों में जहरीले पानी से मारने वालों का तो अनुमान लगा कर ही सहर उठा जा सकता है। यदि यह आंतकवादी हमला सफल हो जाता तो भारत को चेरनोबिल या नागासाकी जैसी महा त्रासदी को झेलना पड़ सकता था।

जांच के दौरान एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से जहर, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप और आईएस साहित्य बरामद किया था। गिरफ्तारी और बरामदगी के बाद संदिग्धों की पुलिस हिरासत दस दिनों तक बढ़ा दी गई थी। कुछ दिन पहले पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर पूरे घटनक्रम का खुलासा किया है।

चार्जशीट में कहा गया है कि समूह फरार उपदेशक जाकिर नाइक से प्रेरित था, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दायर आतंकवाद से जुड़े मामलों का आरोपी है। चार्जशीट में कहा गया है, “नाइक और उसकी छवियों वाले कई वीडियो आरोपियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल से बरामद किए गए हैं।” यह आगे कहा गया है कि समूह अपने विदेशी-आधारित संचालकों के संपर्क में था, और आरोपियों में से एक, मैरी ने दंब हैंडबुक के अनुसार मुंब्रा के एक स्टेडियम में शारीरिक प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया था। ”

इन लोगों का ‘उम्मत-ए-मोहम्मदिया‘ नाम के एक सोशल मीडिया समूह के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के संपर्क में रहने की जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि संदिग्धों ने कश्मीर में आतंकवादियों को वित्तीय मदद भी प्रदान की।

परिवार भी आंतकवाद में लिप्त:

जांच दल ने अदालत को सूचित किया कि संदिग्धों के माता-पिता और रिश्तेदार अदालत में पेश किए जाने पर उनसे जबरन मिलते हैं। इन रिश्तेदरों ने जांच के दौरान कुछ भी उजागर न करने के लिए संदिग्धों पर दबाव डाला। पुलिस ने इस आशय का एक लिखित संदेश भी बरामद किया था, जिसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। इस पर, अदालत ने निर्देश जारी किए कि माता-पिता केवल पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में संदिग्धों से मिल सकते हैं।

संदिग्धों की पहचान जमान नवाब खुतुपद, सलमान सिराजुद्दीन खान, फहद मोहम्मद इश्तियाक अंसारी, मझार अब्दुल रशीद शेख, मोहम्मद तौकी उर्फ अबू खालिद, मोहम्मद मुशाहिद उल इस्लाम, मोहम्मद सरफराज उर्फ अबू हम्मीर, अबू हम्मीर, के रूप में की गई है। जांच से पता चला है कि मोहसिन कश्मीर में आतंकवादियों के संपर्क में था।

अभी तक किसी मुस्लिम समुदाय ने मुहम्मद के नाम पर की जाने वाली इस घटना की भर्त्सना तो दूर इस पर चर्चा भी नहीं की है।

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