राणा विद्यायक पास:
पिछले हफ्ते राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण बिल (संशोधन) 2019 को लोक सभा में 6, जो कि ज्यादातर मुस्लिम सांसद थे का विरोध का सामना कर 278 मतो से मिली थी मंजूरी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बार बार कहा है कि राजनीतिक आधार पर एनआईए की कुशलता पर संदेह नहीं किया जाना चाहिये।
अब 17 जुलाई 2019 को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण बिल (संशोधन) 2019 को राज्यसभा में सर्वानुमति से आज मंज़ूरी दी गई।
लोक सभा मे कांग्रेस, डीएमके, सीपीआई (एम) और एआईएमआईएम सहित दलों ने बिल के खिलाफ अपने तर्क रखे, परंतु केवल छह सांसदों – जिनमें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, वामपंथी सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस से संबंधित सांसद शामिल हैं, ने 15 संशोधनों के खिलाफ मतदान किया।
बहस में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा दुनिया में जहाँ भी भारतीयों के खिलाफ आतंकवादी हमला होगा, एनआईए जांच कर सकेगी।
श्री अमित शाह ने कहा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली एजेंसी को और ताकत देने की बात हो तो सदन को एक मत होना चाहिये और इस पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिये। सदन को आश्वस्त करते हुए गृह मंत्री ने कहा नरेंद्र मोदी सरकार एनआईए का कभी दुरुपयोग नहीं करेगी।
श्री शाह ने कहा कि एनआईए की कार्यकुशलता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए क्योंकि 30.06.2019 तक एनआईए ने 272 केस रजिस्टर किए हैं। उनमें से 199 पर चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। 51 मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है जिनमें 46 मामलों में अभियुक्तों को सजा हुई है।
श्री अमित शाह ने सदन में कहा समझौता ब्लास्ट में कुछ लोगों को पकड़ा गया था, भारत के अलावा अमेरिकन एजेंसियों ने भी कहा कि इन लोगों ने समझौता ब्लास्ट किया किंतु पकड़े गए लोगों को छोड़ा गया, उसके बाद कुछ निर्दोष लोगों को पकड़ा गया।
श्री शाह ने पूछा क्या इन निर्दोष लोगों तथा उनके परिवारों के मानव अधिकार नहीं थे ?
हमारे विचार से यह सवाल उन सांसदों से ओर इनको मतदान करने वाले मतदाताओ से पूछा जाना चाहिए।