विद्युत वाहनों में नकली आवाज होनी चाहिए।

अगर आप के पास से विद्युत कार या कोई अन्य वाहन गुजरे तो आप क्या करेंगे?

जवाब आसान है: कुछ नही।

क्योंकि वहां कोई आवाज सुनने की संभावना कम है। विद्युत करो में कोई घर्षण न होने के कारण कोई आवाज नही होती। विद्युत वाहन के मालिकों को विद्युत वहां प्रकृति को बचाने की भावना प्रदान करते हैं। उन्हें पेट्रोल को जलाने या काले धुएं को बाहर निकालने का कोई अपराध बोध ग्रस्त नही करता।लेकिन पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षा की भावना भी उन्हें ग्रसित नही करती।

ऐसे में वह बिना आवाज के निकल जाते है और पैदल चलने वाले अक्सर दुर्घटना में आहत हो जाते है। इसलिए यूरोपीय संघ ने इसमें कानून बना कर बदलाव करने का फैसला किया है।

सोमवार को लागू होने वाले नियम के अनुसार, सभी नए प्रकार के चार-पहिया इलेक्ट्रिक वाहन को एक उपकरण के साथ फिट किया जाना चाहिए जो एक पारंपरिक इंजन की तरह आवाज निकलता है।

विद्युत वाहन को नकली इंजन की आवाज निकालना होगा। यह ध्वनिक वाहन चेतावनी प्रणाली तब सक्रिय होनी चाहिए जब कार 19 किमी प्रति घंटे से कम गति से चल रही हो या यात्रा कर रही हो।

अगर आप 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कार को अपने पीछे सुनते हैं तो आप सुन कर भी कुछ नहीं कर सकते।

यूरोपीय संघ के यातायात सुरक्षा विभाग के अनुसार, 2016 में 5,320 पैदल यात्री मारे गए थे, इस प्रकार सुरक्षा मानकों में सुधार के बीच हताहतों की संख्या में गिरावट जारी है। संदर्भ के लिए, एक दशक पहले आकस्मिक दुर्घटना 40,000 से अधिक थी। लेकिन यूरोपीय नियामकों को डर है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता इसे उलट सकती है।

यह यूरोपीय संघ के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि सभी कारें 2040 तक इलेक्ट्रिक हो जाएं।

विदित हो भारत भी इस दिशा में अग्रसारित है और चाहता है कि विद्युत कारे ओर दोपहिया वाहन प्रसारित हो पर अभी तक आवाज प्रसारण हेतु कोई नियम नही लागू नही किया गया है।

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