बाबा बर्फानी का तीर्थ:
आज से 1 लाख से अधिक तीर्थयात्री जम्मू और कश्मीर में बाबा अमरनाथ के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू करेंगे।
आतंक और तीर्थयात्रा:
1990 और 2017 के बीच, यात्रा पर 36 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें 53 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है और 167 घायल हुए हैं। दो प्रमुख 2000 और 2017 में हुए।
2000 में, पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 25 लोगों (17 तीर्थयात्रियों सहित) की मौत हो गई, जबकि 2017 में, दक्षिणी अनंतनाग के बोटेंग्रो में एक आतंकवादी हमले में 8 तीर्थयात्री मारे गए और 19 घायल हो गए।
कश्मीरी हिन्दू पलायन:
1989-90 में आंतकवाद अपनी चरम सीमा पर था। यहां तक कि घाटी में रहने वाले हिंदुओं के खिलाफ मस्जिदों से जिहाद का एलान किया गया। कितने ही हिन्दू मारे गए। कितनी ही हिन्दू ओरतों का ब्लात्कार व हत्या हुई। हालात इतने खराब थे कि १९९१ से १९९५ तक आतंकी खतरों के कारण अमरनाथ यात्रा ही नहीं हुई।
पुलवामा में हालिया आतंकवादी हमले को लेकर आतंकी खतरा काफी बढ़ गया है जब एक विस्फोटक लदे वाहन ने CRPF की बस में 40 जवानों को मार दिया था। बदले में भारत ने बालाकोट में हमला करके आंतकवादी कैम्प के 200-300 आंतकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। अंदेशा है कि क्रूर आंतकवादी यात्रियों को एक नरम शिकार के रूप में देश रहे हो सकते है। इसी लिए सुरक्षा के लिए 40000 सुरक्षा बल तैनात किए गए है। पिछले साल यह संख्या 30000 के करीब थी।
पिछले साल के 257 आंतकवादियों की तुलना में इस वर्ष अब तक लगभग 115 आतंकवादी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अभी भी जम्मू-कश्मीर में करीब 290 आतंकवादी सक्रिय हैं।