कश्मीर भारत का सबसे उत्तर का राज्य है जो चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगा है। यह हमेशा ही गलत कारणों (आतंक ओर पत्थर बाजी) से चर्चा में रहता है।
कश्मीर में जम्मू (पूंछ सहित), कश्मीर, लद्दाख, बल्तिस्तान एवं गिलगित के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इस राज्य का पाकिस्तान अधिकृत भाग को लेकर क्षेत्रफल 2,22,236 वर्ग कि॰मी॰ एवं उसे 1,38,124 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ के निवासियों अधिकांश मुसलमान हैं, किंतु उनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज एवं संस्कृति पर हिंदू धर्म की पर्याप्त छाप है। कश्मीर के सीमांत क्षेत्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सिंक्यांग तथा तिब्बत से मिले हुए हैं। कश्मीर भारत का महत्वपूर्ण राज्य है।
कश्मीर का एक छोटा हिस्सा कश्मीर घाटी है जहाँ से 1989-90 में सभी हिन्दू निवासियों को आतंक के जोर पर निकाल दिया गया। अब घाटी में 99% से ज्यादा मुस्लिम है।
कश्मीर घाटी:
झेलम या बिहत, वैदिक काल में ‘वितस्ता’ तथा यूनानी इतिहासकारों एवं भूगोलवेत्ताओं के ग्रंथों में ‘हाईडसपीस’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह नदी वेरिनाग से निकलकर कश्मीरघाटी से होती हुई बारामूला तक का 75 मील का प्रवाहमार्ग पूरा करती है। इसके तट पर अनंतनाग, श्रीनगर तथा बारामूला जैसे प्रसिद्ध नगर स्थित हैं।
राजतरंगिणी के वर्णन से पता चलता है कि प्राचीन काल में कश्मीर में एक बृहत् झील थी जिसे ब्रह्मासुत मारीचि के पुत्र कश्यप ऋषि ने बारामूला की निकटवर्ती पहाड़ियों को काटकर प्रवाहित कर दिया। इस क्षेत्र के निवासी नागा, गांधारी, खासा तथा द्रादी कहलाते थे।
खासा जाति के नाम पर ही कश्मीर (खसमीर) का नामकरण हुआ है, परीपंजाल तथा हिमालय की प्रमुख पर्वतश्रेणियों के मध्य स्थित क्षेत्र को कश्मीर घाटी कहते हैं। यह लगभग 85 मील लंबा तथा 25 मील चौड़ा बृहत् क्षेत्र है।
इस क्षेत्र में सुन्नी मुसलमानों की बहुलता है और वह कश्मीर को एक मुस्लिम राज्य घोषित करना चाहते है। यह मांग गज़वा ए हिन्द की तर्ज पर ही है। परोक्ष रूप से वह आज़ादी आज़ादी कहते है पर जब वह आतंक ओर पत्थरबाजी को इस्लाम की लड़ाई कहते है तो मतलब साफ हो जाता है। अब इस छोटे से वीडियो नाटक को देखिए:
क्या आपकी समझ मे आया कि यह वीडियो कश्मीर समस्या का क्या समाधान बात रहे है?
महबूबा मुफ्ती ओर अब्दुल्ला जाग जाओ।
यह वीडियो कह रहा है कि अगर अनंतनाग ओर बारामुला के छोटे से इलाके, जो कि समस्या की जड़ है, सबको खत्म करना पड़े तो ऐसा ही सही।
यह वीडियो शिवाजी महाराज से प्रेरित लग रहा है। इतिहासकार उनके काल को छुपा कर लिखते है। शिवाजी का हुक्म होता था कि या तो घर वापसी या मौत। हालांकि शिवाजी की गुजर जाने के बाद मराठा साम्राज्य ने इसको चालू नही रक्खा।
यह बहुत ही खतरनाक ओर दर्दनाक अंत होगा इस समस्या का। पर क्या कोई और रास्ता नही बचा है?