आंतकवादी के समर्थन से छ्द्म उदारवाद का मेरठ में पर्दाफाश।

आंतकवाद का समर्थन:

वह हाजी याकूब कुरैशी हैं। उन्होंने मेरठ से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्हें 5.80 लाख से अधिक मत मिले और वे 5,000 मतों के संकीर्ण अंतर से हार गए। इस उम्मीदवार के बारे में ऐसा क्या खास है कि उसने अलकायदा आतंकवादियों को ₹ 51 करोड़ देने की पेशकश की, जिन्होंने फ्रांसीसी कार्टूनिस्ट चार्ली हेब्दो और 12 अन्य लोगों को अपने कार्यालय में मार डाला था।

अलकायदा का हमदर्द:

किसी को भी इस बात की चिंता नहीं है कि ऐसा आदमी 6 लाख वोटों को प्राप्त कर एक संकीर्ण अंतर से हार गया। किसी ने भी मायावती से उनकी पसंद के उम्मीदवार के बारे में सवाल नहीं किया। किसी को भी यह नहीं लगा कि संसद में एक अलकायदा का हमदर्द भारतीय लोकतंत्र को खतरे में डाल देगा।

किसी को भी नहीं लगा कि मेरठ के मतदाता इस आदमी को इतना अधिक वोट देने के लिए ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक हो सकते हैं।

सभी छद्म उदारवादी अभी शांत हैं।

(चित्र साभार swarajyamag.com)

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