वीर सावरकर की कहानी चित्रो से:

वीर सावरकर की जयंती:

विनायक दामोदर सावरकर भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है।

विनायक दामोदर उर्फ स्वातंत्र्यवीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। उन्होंने 1900 में केवल 17 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी संगठन ‘मित्रमाला’ का गठन किया और इसका विस्तार 1904 में ‘अभिनव भारत’ में किया।

हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है।उन्हें अंग्रेजों ने 50 साल की काले पानी यानी निकोबार में जेल की सजा दी थी।सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। उनकी मृत्यु 26 फरवरी 1966 को हो गया था।

50 साल की कैद:

हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढंग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समरका सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था ओर उन्हें एक स्वतंत्रता का सिपाही समझ लिया। उन्हें 50 साल की कैद सुनाई गई।

सावरकर की याद में डाक टिकट:

जेल का चित्र जहां सावरकर को रक्खा गया:

कितना बढ़िया साजो सामान है। कितनी सुविधा सम्पन्न। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस कमरे को खुद से देखा और हैरान हुए की कमरे में कोई खिड़की नही। एक अंधेरी काल कोठरी। वीडियो देखिये:

अब यह देखिए:

नेहरू जी की नैनी जेल का कमरा:

दीवारों पर दोनों की तस्वीर लगी हुई है।तस्वीरे बोलती है। आप खुद फैसला करे।

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