सलमान खुर्शीद के बेबाक बोल:
पहले दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुस्लिम मत उनसे हट कर, कट गए। अपरोक्ष रुप से कांग्रेस को पद गए। अब सलमान खुर्शीद जो कांग्रेस के फरूखाबाद से प्रत्याशी है, उन्होंने भी यही उत्तर प्रदेश के लिए कहा।
उनका कहना था कि जिस प्रकार 2015 में बिहार में मुस्लिमों ने रणनीति के तहत मत देकर भाजपा को हराया था वैसा उत्तर प्रदेश में नही हुआ।
क्या सलमान खुर्शीद भी अपनी हार के लिए माहौल बनाने में लगे है? यह तो चुनाव के नतीजे आने के बाद पता चलेगा। हैरानी की बात यह है यह खुलासा अंतिम 7वे चरण के मतदान के पहले कहा है। यह भी खुसपुस है कि यह बचे मतदाताओं को एक इशारा है। पर क्या है इसका मतलब? मुस्लिम कांग्रेस को वोट करे या गठबंधन को?
फर्रुखाबाद का राजनैतिक इतिहास:
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ और कांग्रेस के मूलचंद दूबे यहां से जीतकर सांसद पहुंचे. इसके बाद 1962 में भी मूलचंद जीतने में सफल रहे, लेकिन 1962 में ही चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राममनोहर लोहिया ने जीत हासिल की है. हालांकि 1967 में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की और 1971 तक दबदबा कायम रहा, लेकिन 1977 में भारतीय लोकदल के दयाराम शाक्य ने कांग्रेस के अवधेश चन्द्र सिंह को हराकर कब्जा जमाया. इसके बाद कांग्रेस ने 1984 में वापसी की और खुर्शीद आलम खान सांसद बने, लेकिन पांच साल के बाद 1989 में हुए चुनाव में संतोष भारतीय जनता दल से जीतने में कामयाब रहे.
2014 में फरूखाबाद:
साल 1991 में कांग्रेस ने यहां वापसी की और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने जीत दर्जकर संसद पहुंचे. साल 1996 और 1998 में बीजेपी से स्वामी सच्चिदानद हरी साक्षी महाराज सांसद चुने गए, लेकिन 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी से चंद्रभूषण सिंह उर्फ मुन्नू भईया जीत हासिल की. 2009 के चुनाव में कांग्रेस से सलमान खुर्शीद एक बार फिर जीतने में कामयाब रहे. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकेश राजपूत 20 साल बाद फर्रुखाबाद सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रहे.