भारत का आंतक विरोधी विशेष दस्ता गठित।

त्रिकोणीय विशेष दस्ता:

आंतकवाद से निपटने के लिए एक सशस्त्र बल विशेष परिचालन प्रभाग सरकार द्वारा तीन सेवाओं के संयुक्त संचालन के लिए स्थापित किया गया है। इसमें सेना के पैराशूट रेजिमेंट एसएफ, नौसेना के मरीन कमांडो (MARCOS) और भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो के जवान होंगे।

मेजर ढींगरा प्रमुख होंगे:

एएनआई के अनुसार ऐस स्पेशल फोर्स ऑपरेटिव और श्रीलंका युद्ध के दिग्गज मेजर जनरल ए के ढींगरा को तीनों सेवाओं में से कमांडो शामिल करने वाले देश के पहले त्रिकोणीय स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन के पहले प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।

सेना के सूत्रों ने कहा, “मेजर जनरल ढींगरा एक विशेष बल के अनुभवी हैं और कुलीन 1 पैरा स्पेशल फोर्सेज रेजिमेंट से हैं। उन्होंने यूएस में स्पेशल ऑपरेशन कोर्स भी किए हैं और उन्हें AFSOD के पहले प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।”

श्री ढींगरा श्रीलंका में इंडियन पीसकीपिंग फोर्स ऑपरेशन का भी हिस्सा थे और उन्होंने करीब से वास्तविक गुरिल्ला युद्ध मुकाबला देखा है।

सूत्रों ने कहा कि नया डिवीजन त्रि-सेवा एकीकृत रक्षा कर्मचारियों के तहत काम करेगा और इसे अपना मुख्यालय रक्षा मंत्रालय में आगरा या बैंगलोर में चल रही चर्चाओं के अनुसार कही होगा।

देश के भीतर और बाहर दोनों तरफ से किसी भी बड़े आतंकवाद-निरोधी अभियान को शुरू करने के लिए यह डिवीजन सरकार की पहली पसंद होने की उम्मीद है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा सचिव संजय मित्रा और तीन सेवा प्रमुखों ने अंतरिक्ष, साइबर और विशेष अभियान युद्ध के लिए तीन नई एजेंसियों की स्थापना के निर्णय के कार्यान्वयन में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

तीन एजेंसियों की संयुक्त कमांड स्थापित करने के प्रस्ताव को पिछले साल जोधपुर में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतिम मंजूरी दी गई थी।

(सौजन्य से एएनआई नई दिल्ली [भारत], 15 मई)

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