भारत की कोई पार्टी आंतकवादी का खुल के समर्थन कैसे कर सकती है?
अपने इरादों के अनुरुप बनाया गया एक इमानदार चुनाव घोषणापत्र :
1)- देशद्रोह की धारा 124A खत्म करेंगे ।
2)- AFSPA (आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट ) में बदलाव किया जाएगा
3)- नागरिक संशोधन अधिनियम में बदलाव की बात की है ।
4)- कश्मीर में धारा 370 से कोई छेड़छाड़ नही करेंगे ।
5)- कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती पर पुनर्विचार करेंगेआसान नही था खुलेआम देशद्रोहियों के पक्ष में घोषणापत्र जारी करना, कुछ लोग इसे देखकर ये सोच रहे हैं कि इस पार्टी ने तो अपने पैरों पर कुलहाडी मार लिया।
लेकिन मुझे लगता है कि इस घोषणापत्र ने खतरे की बहुत बड़ी घंटी बजाई है।इस घोषणापत्र से ये साफ है कि उस पार्टी को पुरा यकिन है कि इस देश में करोडों मतदाता ऐसे हैं जो देशद्रोहियों के समर्थन में अपना वोट करेंगे।उसे पुरा विश्वास है कि घाटी में दम तोड़ रहा आतंकवाद करोड़ो लोगों को रास नही आ रहा और वो आतंकवाद के समर्थन में वोट करेंगे।उसे पुरा विश्वास है कि देश की सेना का कमजोर होना यहां के करोडों मतदाताओं का दिल जीत लेगा।अगर इस घोषणापत्र के साथ चुनाव लड़कर इस पार्टी को 25 सीटें भी आ जायें तो ये देश की देशभक्त जनता के लिये एक संदेश होगा कि देख लो यहां देशद्रोहियों की संख्या करोडों में है और वो तुम्हारी छाती पर मूँग दलते रहेंगे।
ये ना तो मजाक का विषय है ना ही कटाक्ष का, ये एक गम्भीर प्रश्न है देश की अस्मिता अखंडता और एकता पर। यह वीडियो देखिए:
अगर अभी भी आप नही समझ रहे या इस विषय पर उदासीन हैं तो यकिन मानिये आपके जैसे ही लाखों लोग उस समय रहे होंगे जिनकी उदासीनता और नासमझी ने देश को गुलाम बनाया होगा, वो आप के ही तरह के तटस्थ लोग रहे होंगे जिन्होने विदेशी आक्रांताओ के मनोबल में जोश भरा होगा, और अगर अब भी होश नही आया तो बघारते रहिए अपने बुद्धिजीवी होने का दंभ लेकिन याद रखिये ये आपके आने वाली संततियों के लिये शुभ संकेत नही है।